What is sacred or pure ? Anything that is beneficial to us becomes sacred to us. We preserve , respect and gives sanctity to that element or being. But when we tread on the soil out of which we sprouted we often forgot that it's the foundation of our existence.
क्या है पवित्रता या शुद्धता? जो भी हमें उपकार देता है, वह हमारे लिए पवित्र हो जाता है।हम उसे संजोते हैं, आदर करते हैं, और उसे पवित्रता का स्थान देते हैं।परंतु जब हम उस मिट्टी पर कदम रखते हैं, जिससे हमारा अस्तित्व उपजा है, तो अक्सर भूल जाते हैं कि वही हमारी नींव है।
The water that enters into the soil and becomes the food. The air creates space and fire births life into it. All those elements combined in various combinations makes us as a human.
When I interact with the earth I feel that I am reconnecting with myself. The language of her connecting is different. It is having its own voice. Her touch is different. She is holding me firmly so that I can walk, dream and fly finally return back into her.
वह जल जो मिट्टी में समाकर भोजन बनता है,वह वायु जो स्थान रचती है,और वह अग्नि जो उसमें जीवन का संचार करती है—ये सभी तत्व मिलकर हमें मनुष्य का आकार देते हैं।जब मैं धरती से संवाद करती हूँ,तो ऐसा लगता है जैसे स्वयं से जुड़ रही हूँ।उसका संवाद अलग है, उसकी आवाज अपनी है,उसका स्पर्श अनोखा है।वह मुझे थामे हुए है,ताकि मैं चल सकूँ, सपने देख सकूँ, उड़ सकूँ,और अंततः वापस उसी में समा जाऊँ।
She is my solace. If there's anything that is truly godly it's her and all other elements. When a tiny being like me can speak , think and imagine. Then imagine those billions of beings interacting with each other and many billions who came and gone into her are nothing but her own manifestations. How lively she is ?
वह मेरी शरण है।यदि कोई सच्चा ईश्वर है, तो वह यही है—धरती और उसके ये तत्व।जब मुझ जैसी एक छोटी सी काया सोच सकती है,बोल सकती है, कल्पना कर सकती है,तो कल्पना करें, वे अरबों जीव,जो आपस में संवाद करते हैं,और वे अनगिनत, जो उसमें आकर समा गए,वह सब उसी के ही रूप हैं।कितनी जीवंत है वह!
The water that is playing all over her is also within me. Nothing is more sacred than these elements who are wihin us and giving wings to our imagination. The thing that seems motionless is actually alive and sacred if looked from a different perspective. She is sacred so you are.
जो जल उसकी सतह पर खेलता है,वही मेरे भीतर भी बहता है।इन तत्वों से अधिक पवित्र कुछ नहीं,जो हमारे भीतर हैं,और हमारी कल्पना को पंख देते हैं।जो दिखने में स्थिर है,वह भी जीवंत और पवित्र है,यदि उसे अलग दृष्टिकोण से देखा जाए।वह पवित्र है, इसलिए तुम भी हो।
Words & Photography : Yogesh K.
Muse : K. Raginee Yogesh
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